Rakshabandhan fastival  रक्षाबंधन पर्व सैनिक भाइयों को भेजी जा रही गाय के गोबर से बनी आकर्षक रंखिया

Rakshabandhan fastival रक्षाबंधन पर्व सैनिक भाइयों को भेजी जा रही गाय के गोबर से बनी आकर्षक रंखिया

Rakshabandhan fastival रक्षाबंधन पर्व सैनिक भाइयों को भेजी जा रही गाय के गोबर से बनी आकर्षक रंखिया

शुभम पाण्डेय÷

लखनऊ

लखनऊ रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद के अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने गाय के गोबर से रंखिया बनाने की मुहिम छेड़ा वहीं पर बुधवार को जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार व अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष मोडिॅया को गोबर से बनीं आकर्षक रंखिया भेंट की भाई बहन के पावन पर्व को आकर्षक बनाने के लिए गोबर से बनी राखियां सैनिकों को भेंट करने को ठाना है, जिसके लिए संस्था द्वारा गोबर की रंखिया बनाई जा रही हैं, संस्था के अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने कहा कि भाई बहन के पवित्र रिश्तो के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व में इस साल गाय के गोबर से बनी रंखिया सैनिकों को भेजी गई उन्होंने बताया जनपद में देसी गाय के गोबर से रंखिया बनाई जा रही है, गाय के गोबर से बनी रंखियो से होने वाली आय से गाय की रक्षा के लिए सार्थक प्रयास किए जाएंगे साथ ही रंखियो के निर्माण होने से प्रदेश के ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे वहीं चायनीज व पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली राखियां से छुटकारा मिलेगा इसके अलावा विज्ञान के दृष्टिकोण से हाथ में गोबर से बनी राखियां बांधने से रेडिएशन से भी सुरक्षा मिलेगीं संस्था के अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने बताया कि ये राखी बाजार में भी उतारी जाएंगी उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोग रक्षाबंधन के कुछ देर बाद राखियां उतार कर इधर-उधर फेंक देते हैं, भाई बहन के प्यार की प्रतीक राखी कुछ दिन बाद कचरे में पहुंच जाती है इसी को देखते हुए राखियों में तुलसी व ककड़ी समेत अन्य बीज डाले जा रहे हैं, ताकि लोग राखी को इधर-उधर फेंकने के स्थान पर गमले में या घर की बाल्टी में डाल सकते हैं, इससे राखी के अंदर भरे गए बीज ऊग कर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की यादें ताजा करेंगे उन्होंने बताया कि नष्ट होने के बाद भी यह राखी पर्यावरण को हानि नही पहुँचाई

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