कोरोना, वैश्विक महामारी:-

कोरोना, वैश्विक महामारी:-

शिल्पा तिवारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा होता है लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में तेजी से फेल रहा इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि कोरोनावायरस क्या है ?

और वह कैसे फैलता है ?

कोरोना वायरस का संबंध वायरस कैसे परिवार से है इसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है इस वाइरस को पहले कभी नहीं देखा गया था इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था WHO के मुताबिक बुखार खांसी खांसी सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण है पहले इस वाइरस को रोकने के लिए कोई भी टीका नहीं बना था इसके संक्रमण के जुकाम खांसी सांस लेने में तकलीफ नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती है यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैलता है इसलिए इसको लेकर बहुत सावधानी बरती गई l

सबसे पहले यह दिसंबर में चीन में वुहान में पकड़ में आया था उसके बाद उसने वैश्विक महामारी का रूप धारण कर लिया था कोरोना से मिलते जुलते वायरस खांसी और ठीक से करने वाली बूंद के जरिए फैलते हैं कोरोना वायरस चीन में उतनी तीव्र से नहीं फ़ैला जितना दुनिया के अन्य देशों में फ़ैला था l

क्या है इस बीमारी के लक्षण ?

कोरोनावायरस कॉविड-19 में पहले बुखार होता है उसके बाद खून सूखी खांसी आती है और फिर एक हफ्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है l

इन लक्षणों का हमेशा मतलब यहां नहीं है कि आपको कोरोनावायरस का संक्रमण है कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में बुजुर्ग या जिन लोगों को पहले से अस्थमा मुंह में या हार्ट अटैक की बीमारी है उनके मामले में खतरा गंभीर l

कोरोना बना तबाही – देश में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने लगी लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में जितनी तबाही मचाई उतनी तबाही शायद कहीं और नहीं देखी गई थी l

ऑक्सीजन के लिए सड़कों पर दर-दर भटकते भटकते हुए लोग , ऑक्सीजन की वजह से तड़पते हुए लोग,

अस्पताल में इंतजार में बैठे मरीज दावाओ के लिए दर-दर भटकते मरीजों के परिजन यह ऐसी तस्वीर दूसरी लहर ने दिखायी जिसकी कल्पना शायद किसी ने भी नहीं की होगी ,

कोरोना की जब पहली लहर आई थी तब हम सबके लिए नई चुनौती थी लेकिन इतनी बुरी तस्वीर उसे वक्त भी सामने नहीं आई जैसी तस्वीर दूसरी लहर में देखने को मिली थी।

भारत में कोरोना संक्रमण का पहला कैसे 30 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था पहले लहर का पीक 17 सितंबर को था l

उस दिन 24 घंटे में लगभग 97,894 मामले सामने आए थे। उसके बाद पहले लहर पहले लहर कमजोर पड़ गई और पहली लहर के सबसे कम मामले 16 फरवरी 2021 को आए 16 फरवरी को 1 दिन में मात्र 9121 केस। लेकिन अगले दिन से मामले बढ़ने लगे और यहीं से दूसरी लहर की शुरूआत हुई।

पहली लहर जितनी तेजी से बढ़ी उतनी ही तेजी से गिर भी गई थी। कोरोना की दूसरी लहर में पहली लहर के पीक 4 गुना ज्यादा मामले सामने आए थे l

दूसरी लहर का पीक 7 मई को आया था उसे दिन 24 घंटे में लगभग 4.14 लाख केस मिले थे और उसके बाद अगले दिन से ही करोना के मामले में कमी आने लगी थी।

एक राहत की बात यह भी है की दूसरी लहर जितनी तेजी से बड़ी उतनी ही तेजी से गिरी क्योंकि पहली लहर में एक दिन में लगभग 50 हज़ार केस मिलने का आंकड़ा 30 जुलाई को पार कर गया था उस दिन लगभग 52,123 केस आए थे।

उसके बाद यहां से पीक तक यानी 17 सितंबर तक पहुंचने में 49 दिन का वक्त लगा दोबारा 24 घंटे में लगभग 50 हज़ार से कम केस 26 अक्टूबर से आने शुरू हुई यानी पहली लहर में वापस से 30 जुलाई के स्तर पर पहुंचने में 88 दिन लग गए l

अब बात दूसरी लहर की करते हैं क्योंकि दूसरी लहर का पीक 4 लाख को पार कर गया था इसीलिए यहां लगभग 50 हज़ार की जगह 1 लाख का आँकड़ा रखते हैं दूसरी लहर में 5 अप्रैल को नए केस का आंकड़ा एक लाख को पार कर गया था l

उसके बाद पीक आया 7 मई को उसके बाद 8 जून से हर दिन एक लाख से कम कैसे आए इस हिसाब से दूसरी लहर में 64 दिन में ही नए केस 1 लाख से कम आने आए इससे हम मान सकते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर पहले लहर की तुलना में जल्दी कमजोर पड़ गई थी।

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