आंखें लाल होने के क्या है कारण, लक्षण और बचाव का तरीका

आंखें लाल होने के क्या है कारण, लक्षण और बचाव का तरीका

राहुल पाठकः- 

खानपान और जीवनशैली के कारकों के वजह से आज के समय में आंखों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आंख से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है Ocular Hypertension जिसे अक्सर लोग दिल से जुड़ी बीमारी समझ लेते हैं यह आंखों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है जिसे हिंदी में नेत्र संबंधी हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि 40 साल से अधिक उम्र में लगभग 10% लोगों में आंख में ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है इसे एक तरह का मोतियाबिंद भी समझा जाता है।

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क्या है Ocular Hypertension

आंख में दबाव या ब्लड प्रेशर बढ़ने से आंख में ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या होती है। आपके सामने के एरिया में मौजूद फ्लूइड जब पूरी तरह से सूखता नहीं है तो इसकी वजह से आंखों में प्रेशर बढ़ता है जब आंख में प्रेशर नार्मल से अधिक हो जाता है तो इस स्थिति को ऑक्युलर हाइपरटेंशन कहा जाता है।

ऑक्युलर हाइपरटेंशन समस्या के कारण:

आंख में मौजूद लिक्विड के ना निकलने की वजह से आंख में प्रेशर बढ़ जाता है आंख की पुतली के पीछे मौजूद एक संरचना से जलीय पदार्थ निकलता है यह लिक्विड जब आंख से बाहर नहीं निकलता है। तो इसकी वजह से इंट्राकूलर प्रेशर बढ़ता है और इसकी वजह से आंख में ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है।

दवाओं के सेवन से ऑक्युलर हाइपरटेंशन:

आंख में ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या कुछ दवाओं के सेवन की वजह से भी हो सकती है स्टेरॉयड दवाओं के सेवन की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा अस्तमा और अन्य गंभीर बीमारियों, के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का सेवन भी स्थिति का कारण बन सकती है।

अनुवांशिक कारणों से ऑक्युलर हाइपरटेंशन:

इसके अलावा वंश, उम्र और पारिवारिक इतिहास, नेत्र संबंधी, उच्च रक्तचाप और ग्लूकोमा के कारण ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है। 40 साल की उम्र के बाद मरीजों में यह समस्या बढ़ सकती है और इसका जोखिम ज्यादा होता है।

ऑक्युलर हाइपरटेंशन के लक्षण:

ऑक्युलर हाइपरटेंशन के आमतौर पर लक्षण नहीं दिखाई देते हैं इस समस्या में आपके भीतर दबाव बढ़ जाता है लेकिन मरीज को किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। यह समस्या गंभीर होने पर मरीजों में आंख में दर्द और लालिमा जैसी समस्याएं दिखाई देती है।

ऑक्युलर हाइपरटेंशन का इलाज:

इस समस्या का इलाज करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले जांच करते हैं जांच के बाद मरीजों को दवाएं दी जाती है। ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या में डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाओं का इस्तेमाल बहुत जरूरी होता है।

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