छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक  युवती को कोल्हू की कढ़ाई में फेंक दिया

छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक युवती को कोल्हू की कढ़ाई में फेंक दिया

मुज़फ्फरनगर: 5/1/2024

उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद में कुछ दिन पूर्व छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक दलित युवती को कोल्हू की कढ़ाई में आरोपियों द्वारा फेंक दिया गया था। जिसके चलते युवती गंभीर रूप से झुलस गई थी जिसे इलाज के लिए मुजफ्फरनगर जनपद स्थित बेगराजपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां पीड़ित युवती का उपचार चल रहा है।

इसी को देखते हुए गुरुवार को आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पीड़ित युवती से मिलने के लिए बेगराजपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे।

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने यह मांग की है की सभी आरोपियों सहित लापरवाह क्षेत्रीय पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए साथ ही चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बहन बेटियों को न्याय दिलाने के लिए वह बिजनौर जनपद की नगीना लोकसभा सीट से इस बार का चुनाव लड़ेंगे।

चंद्रशेखर आजाद की माने तो जहा देखिए यह उत्तर प्रदेश है यहां दावे तो बहुत हैं व सच्चाई क्या है वह आपके सामने है, मेरी परिवार से भी बात हुई एवं उस बिटिया से भी बात हुई और मे उस बहादुर बिटिया की हिम्मत की दाग देता हूँ कि उसने इस अपमान के खिलाफ लड़ाई लड़ी एवं कोई और होता तो शायद कमजोर पड़ जाता व तीन-तीन दरिंदों के सामने उसने लड़ाई लड़ी और अपने सम्मान व आत्म सम्मान की लड़ाई लड़ी और खुद को बचाने का प्रयास किया लेकिन उनके बाहुबल के सामने वह कमजोर पड़ी और उन्होंने उसे उठाकर कोल्हू में फेंक दिया, जब लोग इसको सुनेंगे तो उनमें डर और दहशत का माहौल बनेगा की उत्तर प्रदेश में तमाम तरह की कानून व्यवस्था के बाद भी सच यह है की मुजफ्फरनगर का एक परिवार जो बेरोजगारी के कारण और उनके परिवार में पढ़े-लिखे बच्चे हैं वह अपना घर चलाने के लिए बागपत में कोल्हू पर जाता है और कोल्हू मालिक व तीन लोग उस बेटी को अकेला पाकर उस बेटी के साथ अन्याय करने का काम करते हैं तो वह बहादुर बेटी अपने आत्मसम्मान के लिए लड़ाई लड़ती है और जब वह उनके कब्जे में नहीं आती तो वह उसे उठाकर जलते कोल्हू में फेंक देते हैं, वह 60% से ज्यादा जल चुकी है लेकिन वह बहादुर बेटी है एवं वह न्याय चाहती है और वहां की पुलिस ने लापरवाही बरती और वहां के अधिकारी घोर भ्रष्टाचार में लिप्त है ओथेरवाइज बहन-बेटी के सम्मान के मामले में ठोस कार्रवाई होनी चाहिए थी और जो पीड़िता का भाई रिपोर्ट लिखवाने गया तो वापस आते समय उसको भी पकड़ कर पीटा गया तो उसकी भी जान को खतरा है लेकिन न पुलिस को कुछ दिखाई दे रहा है ना सरकार को कुछ दिखाई दे रहा है, आज मैं उस परिवार से मिलने आया हूं उनकों विश्वास दिलाने के लिए कि वह अकेले नहीं है एवं मैं यहां के डॉक्टरों से भी बात करूंगा व यहां के अधिकारियों से भी बात करूंगा यह लापरवाही उत्तर प्रदेश में नहीं चलेगी, मेरी मांग यह है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी जो पैसों के चक्कर में बहन-बेटियों के मान सम्मान का जो अपमान हो रहा है व जो अन्याय हो रहा है उसको दबाने का काम कर रहे हैं ना कि आरोपियों को सजा दिलाने का काम कर रहे हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई हो और उस ऐसएचओ को सस्पेंड करके उसके खिलाफ मुकदमा लिखा जाए व उसको जेल भेजा जाए तब उसको एहसास होगा कि किसी की बहन बेटियों का अपमान हो और आप लोग चुप बैठे या अपने निजी स्वार्थ में घटना को दबाने का काम करें यह सही नहीं है और दूसरा इस परिवार के बारे में सरकार व सरकार से जुड़े लोग भी सोचे की ये परिवार कैसे सरवाइव करेगा एवं उस बेटी का क्या दोष है वो तो अपने परिवार को पालने वहां गई थी लेकिन आज जो उसके साथ यह घटना हुई है और ये उत्तर प्रदेश सरकार की लापरवाही है एवं उनकी सरकार में जो गुंडाराज चल रहा है यह उसकी वजह से हुई है तो सरकार को चाहिए कि उसे परिवार की सुध ले और उस बेटे का अच्छे से अच्छा बेहतर इलाज करा कर उन आरोपियों को सजा दिलाने में मदद करें और इस परिवार का संरक्षण करें और मुझे उम्मीद नहीं है कि जो मुख्यमंत्री दलित सम्मेलन की बात करते हैं व दलितों के हितों की बात करते हैं एवं दलितों के साथ भोजन करने की बात करते हैं उनको इस बेटी की चिंखे नहीं सुनाई दी तो मुझे इस बात को लेकर महसूस होता है कि मुख्यमंत्री सिर्फ दलितों की वोट लेने के लिए इस तरह की बातें करते हैं, मैं इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं की बहन बेटियां सुरक्षित रहें एवं जिन मुद्दों को मुद्दा नहीं समझा जाता उनपर चर्चा हो इसीलिए एक सशक्त आवाज की जरूरत पार्लियामेंट में है तो इसलिए हम नगीना से मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं और हम जीतेंगे भी ये हमें भरोसा है वही कमजोर वर्ग वहां से किसान, नौजवान एवं हर वह तबका जो चाहता है कि कोई मजबूत आवाज संसद में जाए जो उनके हितों की रक्षा करें वह उनको अवसर देने का काम करें यह मेरा प्रयास है और हम लोग नगीना में बहुत कम कर रहे हैं लेकिन अभी मैं चाहता हूं कि इस मामले में न्याय हो इसलिए मैं वहां के अधिकारियों से बात करूंगा और अभी मैं डॉक्टरों से बात करने वाला हूं कि अब उस बेटी की कंडीशन कैसी है और बेहतर इलाज में किन चीजों की जरूरत है साथ ही जो कुछ होगी हम लोग उसके लिए काम करेंगे, मैंने कहा कि आज मैं सच में इतना दुखी हूं क्योंकि एक बेटी की अस्मिता के साथ खिलवाड़ हुआ है एवं सरकार व पुलिस प्रशासन मौन है यह इस देश में दलितों की जिंदगी का सच है इसलिए मुझे पीड़ा है और पढ़े-लिखें बच्चे भी बेरोजगार घूम रहे हैं लेकिन सरकार को कोई सुध नहीं लेनी है और यह बीजेपी का चाल चरित्र है इससे हम लोग दुखी हैं और इसीलिए हम भाजपा से मुक्ति चाहते हैं।

तो वही पीड़ित युवती का कहना है की मेरे साथ दो लड़को ने बदतमीजी से बात की और मेरे साथ छेड़खानी की इसीलिए मैंने उन्हें गाली दी तो उन्होंने मुझे कड़ाह में धक्का दे दिया।

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