वायु प्रदूषण ( Air Pollution)
वायु प्रदूषण किसे कहते हैं ? or वायु प्रदूषण की परिभाषा
जब स्वच्छ वायु में रसायन, सूक्ष्म पदार्थ, धूल विषैली, गैस से जैविक पदार्थ, कार्बन डाइऑक्साइड आदि मिल जाते हैं तो उसे ही वायु प्रदूषण कहते हैं|
वायु प्रदूषण के कारण (Causes of air pollution)
1. जीवाश्म ईंधन का जलना
जीवाश्म ईंधन के दहन से बड़ी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड निकलती है। जीवाश्म इंधन के अधूरे दहन से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड भी वायु प्रदूषण का कारण बनती है।
2. ऑटोमोबाइल
कार, बस, ट्रक, जीप आदि वाहनों से निकलने वाली गैस से पर्यावरण को प्रदूषित करती है। ये ग्रीनहाउस गैसों के प्रमुख स्रोत हैं और इसके परिणाम स्वरूप व्यक्तियों में बीमारियां भी होती हैं।
3. कृषि गतिविधियां
कीटनाशक और उर्वरक वातावरण में हानिकारक रसायनों का उत्सर्जन करते हैं और इसे दूषित करते हैं।
4. बड़े उद्योग धंधे और कल कारखानों से धो के साथ-साथ हानिकारक जैसे भी निकलती है जो कि पूरे वातावरण को प्रदूषित करती है। कारखानों और उद्योगों से कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बनिक यौगिकों, हाइड्रोकार्बन और रसायनों के मुख्य स्रोत हैं।
5. बढ़ती आबादी (जनसंख्या वृद्धि)
भारत जैसे देश में जिस गति से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है वह बढ़ते वायु प्रदूषण का एक सबसे बड़ा संकेत है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग होना। जिससे वायु प्रदूषण फैलता है।
6. वनों की अंधाधुंध कटाई
हम सभी मनुष्यों ने अपनी सुख-सुविधाओं के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की है वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण अधिक मात्रा में वायु प्रदूषण होता है क्योंकि पेड़ पौधों कार्बन डाइऑक्साइड को लेते है और बदले में ऑक्सीजन देते हैं। लेकिन पेड़ों की संख्या कम होने के कारण कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा वातावरण में बढ़ती जा रही है।
7. ज्वालामुखी
हमारी पृथ्वी पर बहुत सारे ज्वालामुखी हैं जो समय समय पर पढ़ते रहते हैं और उनसे जहरीली गैस से और लावा निकलता रहता है जिसके कारण वायु प्रदूषण होता है।
वायु प्रदूषण के स्रोत ( sources of air pollution)
1. विभिन्न प्रकार के इंधन के दहन से संबंधित मानवजनित स्रोत।
2. बिजली संयंत्रों ( power plant ) की चिमनियो से निकला धुंआ।
3. मोटर गाड़ी, हवाई जहाज, आदि से निकला धुंआ।
4. समुंदरी जहाज जैसे मालवाहक जहाजों ( container ships) से होने वाला वायु प्रदूषण।
5. पेंट (paint) , बालों के स्प्रे (hair spray), वार्निश ( varnish), एरोसोल स्प्रे (aerosol spray ) और अन्य विलायको से निकलने वाला धुआं
6. परमाणु हथियार, जहरीली गैस, कीटाणु युद्ध सामग्री से निकलने वाले जहरीली पदार्थ।
7. प्राकृति स्रोतों से धूल, आमतौर पर जहां वनस्पति नहीं है वहां वाली भूमि या बंजर भूमि से उड़ने वाली धूल से।
8. ज्वालामुखी गतिविधि से सल्फर, क्लोरीन और सूक्ष्म रात उत्पन्न होती (particulate) है।
वायु को प्रदूषित करने वाली प्रमुख गैसे जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड आदि अत्यंत जहरीली गैसे हैं जो वायु को प्रदूषित करती हैं। इसके अलावा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड भी वायु को प्रदूषित करती है।
वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव ( effect of air pollution)
1. हवा के प्रदूषित होने के कारण अस्थमा, दमा, कैंसर, सिर दर्द, पेट की बीमारियां, एलर्जी, अंधापन और दिल की बीमारियां हो सकती है, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। इन बीमारियों के कारण प्रतिदिन कई लोगों की मृत्यु हो जाती है।
2. वायु प्रदूषण के कारण अम्लीय वर्षा का खतरा बढ़ गया है क्योंकि वर्षा के जल में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड आदि जहरीली गैसों के घुलने की संभावना बढ़ती है जिससे पेड़ पौधों और ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुंचता है।
3. वायु प्रदूषण के कारण पृथ्वी पर ऑक्सीजन भी कम होती जा रही है। पहले हमारे वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा 24% थी लेकिन धीरे-धीरे अब इसकी मात्रा भी कम हो रही है। एक रिसर्च के मुताबिक अब हमारे पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा घटकर केवल 22% ही बची है।
4. स्वच्छ हवा और ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से रोज ना जाने कितने ही जीव जंतुओं की मौत हो रही है। वायु प्रदूषण के कारण पशु पक्षियों की भी कुछ प्रजातियां तो बिल्कुल ही विलुप्त होती जा रही है। इस तरह से ही अगर वायु प्रदूषण बढ़ता रहा तो 1 दिन ऐसा आएगा जब धरती पर कोई भी जीव जंतु जीवित नहीं बचेगा।
5. वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ धरती का तापमान भी लगातार बढ़ता जा रहा है। एक रिसर्च के अनुसार अगर इसी तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ता रहा, तो पृथ्वी का तापमान भी तेजी से बढ़ता जाएगा यदि पृथ्वी का तापमान 2 से 3% भी बढ़ता है, तो पृथ्वी के हिम ग्लेशियर पिघल सकते हैं और भयंकर बाढ़ आ सकती है अगर ऐसा हुआ, तो पृथ्वी पूरी तरह से नष्ट भी हो सकती है।
वायु प्रदूषण के निवारण अथवा वायु प्रदूषण रोकने के उपाय
1. वायु प्रदूषण को रोकने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए क्योंकि पेड़ पौधों से ऑक्सीजन निकलती है और यह कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं। जिसके कारण ज्यादातर प्रदूषित हवा साफ हो जाती है। वर्तमान में पेड़ पौधों को अधिक मात्रा में काटा जा रहा है, जिसके कारण वायु प्रदूषण अधिक हो रहा है। इसलिए हमें पेड़ पौधों को नहीं काटना चाहिए।
2. आज पूरी दुनिया जनसंख्या वृद्धि की समस्या से जूझ रही है। अगर हम जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण कर लेते हैं, तो वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में भी कमी होगी और हमें कम उद्योग धंधे लगाने की आवश्यकता होगी। जिससे प्रदूषण की मात्रा में कमी आएगी वायु प्रदूषण का मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि ही है। इसलिए हमें जनसंख्या वृद्धि को रोकना होगा।
3. हमें उन कल कारखानों को बंद कर देना चाहिए जिन से अधिक मात्रा में प्रदूषण होता है और जिन कल कारखानों की हमें आवश्यकता है उनकी चिमनियों की ऊंचाई अधिक होनी चाहिए, जिससे हमारा वायुमंडल कम से कम प्रभावित हो।
4. हमें ऊर्जा के लिए नए स्रोत खोजने चाहिए। हमें कोयले और परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल कम करना चाहिए।
5. हमें सौर ऊर्जा का इस्तेमाल अधिक मात्रा में करना चाहिए जिसके कारण वायु प्रदूषण भी नहीं होगा और हमें सौर ऊर्जा भी पूरी मिल जाएगी।
6. हमारे भारत देश में आज भी पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ते रहते हैं, जिनसे अधिक मात्रा में जहरीला धुआं निकलता है। जो कि पूरे वातावरण को प्रदूषित कर देता है। एक पुराने वाहन से 10 नए वाहनों के बराबर धुआ निकलता है जो कि वायु प्रदूषण में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए हमें धुआं रहित वाहनों का प्रयोग करना चाहिए।
7. अगर हमें वायु प्रदूषण को कम करना है तो हमें अधिक मात्रा में सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करना होगा, जिससे कम से कम प्रदूषण होगा।
8. वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए हमारी सरकार को नए नियम बनाने चाहिए और प्रदूषण नियंत्रण संबंधित प्रमाण पत्र की अनिवार्यता की जानी चाहिए साथ ही वायु प्रदूषण कानून में शक्ति दिखानी चाहिए।
9. किसी भी प्रकार के प्रदूषण पर हमें अगर नियंत्रण पाना है तो लोगों को प्रदूषण के बारे में पता होना चाहिए। हमें प्रदूषण के बारे में लोगों को सचेत करना चाहिए और स्कूलों में प्रदूषण के बारे में पाठ्यक्रम होना चाहिए। जिससे बचपन से ही बच्चों को पता हो कि किस काम को करने से प्रदूषण फैलता है।
10. हमें गांव में जाकर नुक्कड़ नाटकों की सहायता से लोगों को समझाना चाहिए कि प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, तभी जाकर हम वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पा सकते हैं।