राहुल पाठकः-
लखनऊः- राज्य सरकार ने छोटे वर्ग के किसानों की सहायता व लाभ प्रदान करने के लिए निशुल्क बोरिंग योजना को आरंभ किया है। उत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना के तहत सामान्य वर्ग के ऐसे किसान जिनके पास अधिकतम 2 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है और वह अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति से संबंधित उन्हें लाभ दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा निशुल्क बोरिंग योजना के तहत राज्य के छोटे और सीमित किसानों को अपने खेतों में पंपसेट लगवाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति से संबंधित किसानों के लिए भूमि की कोई सीमा नहीं है। इस योजना में आवेदन करने से पहले किसानों को सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा।
उत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना का उद्देश्यः-
राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। कि राज्य के किसानों को मुफ्त बोरिंग सुविधा प्रदान की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई यूपी निशुल्क बोरिंग योजना 2023 के तहत का किसान नागरिकों को सहायता प्रदान की जाएगी। जिसके द्वारा राज्य के किसान सिंचाई करने में सहायता ले सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत किसानों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। निशुल्क बोरिंग योजना 2023 के तहत किसानों के खेतों की गुणवत्ता बढ़ाने में भी काम करेगी। प्रदेश सरकार जिसके द्वारा किसानों को सहायता मिलेगी प्रदेश की सरकार इस योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने में भी काम कर रही है और किसानों को मुफ्त बोरिंग सुविधा भी देने का काम कर रही है। प्रदेश में रहने वाला हर एक इच्छुक किसान जो इस निशुल्क बोरिंग योजना के तहत अपना आवेदन करना चाहता है। वह वह इस योजना से संबंधित वेबसाइट पर जाकर अपना आवेदन कर सकता है।
उत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना के लाभः-
निशुल्क बोरिंग योजना 2023 का लाभ लघु एवं सीमांत किसानों को दिया जाएगा।
सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमांत किसानों को निशुल्क बोरिंग योजना का लाभ तभी मिलेगा जब उन सभी के बाद न्यूनतम जोत सीमा 2 हेक्टेयर होगी।
लघु किसानों को 5000 का अनुदान निशुल्क बोरिंग योजना 2023 के तहत दिया जाएगा।
सीमांत किसानों को 7000 का अनुदान निशुल्क बोरिंग योजना के तहत दिया जाएगा।
राज्य सरकार की निशुल्क बोरिंग योजना के तहत अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति के लाभार्थी किसानों को योजना के तहत अधिकतम 10000 अनुदान दिया जाएगा।
प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को निशुल्क बोरिंग का लाभ देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को 1985 में लागू किया था।
उत्तर प्रदेश निशुल्क बोरिंग योजना मे प्रतिबंध एवं प्राथमिकताएंः-
बोरिंग के वक्त इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि बोरिंग की जगह पर खेती आवश्यक होती हो।
बोरिंग के वक्त इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि जहां बोरिंग हो रही है वहां खेती है भी या नहीं।
निशुल्क बोरिंग योजना के संदर्भ में ध्यान रखा जाएगा कि प्रस्तावित पंपसेट से करीब 3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि की सिंचाई हो सके।
निशुल्क बोरिंग योजना लाभार्थियों का चुनाव।
इस योजना के तहत जो किसान पहले किसी सिंचाई योजना का लाभ ले चुके हैं। वह दोबारा इस योजना में लाभार्थी नहीं बन पाएंगे। उन किसानों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
निशुल्क बोरिंग योजना के लाभार्थियों की सूची ग्राम पंचायत द्वारा एक अंतिम बैठक के आयोजन में तैयार की जाएगी। निशुल्क बोरिंग योजना के अतिरिक्त विभाग द्वारा 2 हेक्टेयर के लघु सिंचाई कार्यों का सेंसर कराया गया है। जिन किसानों की जमीन असिंचित है। इस सूची में आए किसानों पर खास ध्यान दिया जाएगा।