देवरिया:06/02/2024
देवरिया के बहुचर्चित फतेहपुर नरसंहार में गिरफ्तार एक आरोपी अमरनाथ तिवारी की जेल में मौत हो गई है। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। उधर, सपा नेताओं ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
देवरिया के बहुचर्चित फतेहपुर नरसंहार में गिरफ्तार एक आरोपी अमरनाथ तिवारी की जेल में मौत हो गई है। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। उधर, समाजवादी पार्टी नेताओं ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जेल में डॉक्टर और अस्पताल होने के बावजूद सही समय पर इलाज न मिलने के चलते आरोपी की जान गई है।
पिछले साल दो अक्टूबर को देवरिया जिले के रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र में फतेहपुर नरसंहार हुआ था। इसमें जमीन के झगड़े़ में एक ही परिवार के पांच लोगों सहित कुल छह लोगों की हत्या कर दी गई थी। एक तरफ से पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव तो दूसरी तरफ से सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी किरन, बेटी सलोनी, नंदनी और बेटे गांधी की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज नरसंहार के बाद फतेहपुर कांड की पूरे देश में चर्चा हुई और यूपी में सियासत गरमा गई। बाद में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी दोनों पक्ष के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे थे। इस मामले में रुद्रपुर पुलिस ने सत्यप्रकाश दुबे की बेटी शोभिता दुबे की तहरीर पर 27 नामजद और 50 अज्ञात के विरुद्ध हत्या समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के पुलिस छापेमारी करने लगी थी। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के पुलिस छापेमारी करने लगी थी।
पुलिस का दबाव बढ़ने पर अमरनाथ तिवारी ने अपने बेटे पवन तिवारी के साथ न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था। अमरनाथ नवंबर महीने से ही बेटे के साथ जिला कारागार में बंद था। शनिवार की शाम अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। जिला कारागार के चिकित्सकों ने बंदी अमरनाथ तिवारी (63 ) निवासी फतेहपुर थाना रुद्रपुर की स्थिति गंभीर देख जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बंदीरक्षक अमरनाथ को लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। कोतवाली पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों को सूचना भेज दी गई। इस बारे में देवरिया के अधीक्षक प्रेम सागर शुक्ल ने कहा कि अमरनाथ की तबीयत खराब थी। मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया है।
परिवारीजनों से मिले सपा नेता
सपा नेताओं ने रविवार को पोस्टमार्टम हाउस पर फतेहपुर कांड के विचाराधीन कैदी अमरनाथ तिवारी के परिवारीजनों से मुलाकात की। अमरनाथ की जिला कारागार में मौत हो गयी थी। इस दौरान सपा नेताओं ने कैदी की मौत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जेल प्रशासन की लापरवाही के चलते उसकी जान गई है।
जिलाध्यक्ष व्यास यादव ने कहा कि चिकित्सा न मिलने के कारण अमरनाथ की दुखद मृत्यु हो गई। न्यायिक अभिरक्षा में होने के नाते उनके जीवन की सुरक्षा का दायित्व जिला और कारागार प्रशासन दोनों का था। जिला जेल में चिकित्सक है। अस्पताल भी है। बावजूद इसके शाम को 7 बजे उनकी मृत्यु हो गई थी। 6 बजे बैरक बंद हो जाते हैं। बैरक के अंदर एकमात्र पुत्र जो उनका सहकैदी है, परिवार के लोगों को उससे मिलने नहीं दिया गया। उसका पैरोल भी मंजूर नहीं किया जा रहा है, जिससे कि वह अपने पिता के दाह संस्कार में शामिल हो सके। पार्टी ने जेल प्रशासन की भूमिका की जांच, मृतक के परिवार के भरण पोषण के लिए 50 लाख की आर्थिक मदद की मांग की। इस दौरान सपा के प्रदेश सचिव विजय प्रताप यादव, हृदय नारायण जायसवाल, राजवंशी राजभर, महेश आदि मौजूद रहे।