ग्रेटर नोएडा:16/1/2024
ग्रेटर नोएडा की बिसरख थाना पुलिस ने आठ माह पहले अगवा हुए एक माह के बच्चे को बरामद कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में एक महिला सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में मासूम बच्चे की नानी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, नानी के द्वारा ही बच्चे का अपहरण कराया गया था जिसे आगे दो लाख रुपए में बेच दिया गया था।
दरसअल शाहबेरी में रहने वाली शिवांगी ने 10 मई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके गर्भवती होने के दौरान देखभाल के लिए उसकी मां बबीता अप्रैल माह में शाहबेरी में आई थी। शिवांगी ने बेटे को जन्म दिया था। इसके बाद भी बबीता बेटी के घर रुकी हुई थी। दस मई को बच्चे को माँ के पास छोड़कर शिवांगी व उसका पति दवा लेने चले गए। इसी दौरान बबीता उनके एक माह के मासूम बच्चे अरमान को अगवा कर फरार हो गई।
पुलिस लगातार बच्चों की तलाश कर रही थी ।जिसके बाद यह लोग बबीता के संभल स्थित मुटैना गांव पहुंचे। यहां बबीता कुछ दिन पहले ही आई थी।जिसके बाद पुलिस ने बबीता को 30 नवम्बर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।इस दौरान बबिता ने बच्चे को हापुड़ में जमुना नाम की महिला के जरिये दंपती को बेचने की बात कबूल की।
इसके बाद पुलिस जमुना नाम की महिला की तलाश में जुट गई। इसके बाद पुलिस ने हापुड़ की लज्जा कॉलोनी से जमुना उर्फ शिवांगी को गिरफ्तार कर लिया। जमुना द्वारा बताया गया कि बबीता के द्वारा उसको यह बच्चा दिया गया था। जिसे मैने डॉक्टर दीपक त्यागी जो की हापुड़ का ही रहने वाला है उसको बेच दिया, वही डॉक्टर ने उस बच्चों को आगे अमरवीर नाम के एक व्यक्ति को दो लाख रुपये में बेच दिया।
सेंट्रल नोएडा के एडिशनल डीसीपी ह्रदेश कुमार ने बताया कि डॉक्टर दीपक के यहां पर अमरवीर का आना जाना था ।अमरवीर के कोई बेटा नहीं था ,इस वजह से उसको बेटे की जरूरत थी ।उसने डॉक्टर से बात कही , डॉक्टर ने यह बात जमुना से कहीं और जमुना ने इस मामले में बबीता से संपर्क किया। इस तरह से अमरवीर ने डॉक्टर को दो लाख रुपए दिए और बच्चा ले लिया।
इस पूरे मामले में डॉक्टर ने एक लाख रुपये लिए, जमुना को 50 हजार दिए गए और वही बबीता को 50 हजार मिले। पुलिस की टीम लगातार इन लोगों की तलाश कर रही थी।अब पुलिस ने इस मामले में महिला जमुना, आरोपी डॉक्टर दीपक और बच्चे को खरीदने वाला आरोपी अमर वीर सभी को गिरफ्तार कर लिया है।
बच्चों को 8 महीने बाद पाकर मां के आंसू नहीं रख पा रहे हैं। शिवांगी ने बताया कि उसकी मां के द्वारा ही बच्चे का अपहरण कराया गया था। वह डिलीवरी के दौरान घर पर आई थी और मेरे बच्चे को गायब कर दिया। मुझे लगा कि मुझे मेरा बच्चा कभी नहीं मिलेगा लेकिन पुलिस ने वह आश नहीं छोड़ी और पुलिस लगातार बच्चों को तलाश करती रही ।आखिरकार मेरा बच्चा मिल गया है, अभी तक मैं अपने बच्चों का नाम भी नहीं रख पाई थी, उसके कान पर एक निशान था जिसकी वजह से बच्चे की पहचान हो सकी। मां ने बच्चा पाकर पुलिस की जमकर तारीफ की।