स्टैंड अप इंडिया योजना इंडिया योजना की शुरुआत कैसे हुई ?

स्टैंड अप इंडिया योजना इंडिया योजना की शुरुआत कैसे हुई ?

शिल्पा तिवारी

स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुआत 5 अप्रैल 2016 को आर्थिक व्यवस्था को देखते हुए नए विचारों को पहचानने विकसित करने एवं वास्तविक रूप देने की प्रक्रिया है और अर्थव्यवस्था यह समाज में नए अवसर प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए नए संगठन को बढ़ावा देने के लिए स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुवात की है । और अब इस योजना को वर्ष 2025 तक बढ़ा दिया गया है। स्टैंड अप इंडिया योजना के लिए पात्रता स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत एससी एसटी और कोई ऐसी महिला जो व्यापार कर रही हो जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो इस योजना के तहत रेड केबल ग्रीन फील्ड परियोजना के लिए उपलब्ध होता हैl

स्टैंड अप इंडिया योजना की विशेषताएं क्या है ?

स्टैंड अप इंडिया योजना में अनुसूचित जाति के लोगों और महिला आवेदकों के लिए स्टैंड अप योजना के तहत लोन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम आयु मां दंड 18 वर्ष है

ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के लिए लोन ऑफर केवल उन उद्योगों के लिए किए जाते हैं जो पहली बार मैन्युफैक्चरिंग या व्यापारिक क्षेत्र में व्यवसाय कर रहे हैं

आवेदक का किसी भी बैंक या एनबीएफसी में डिफॉल्ट रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए

लोन राशि 10 लाख रुपये एक करोड रुपए के बीच ऑफर की जाती है जिसमें टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल शामिल है बैंकों द्वारा तय किए गए लोन को क्रेडिट गारंटी फंड योजना की गारंटी द्वारा सुरक्षित किया जा सकता है

एससी एसटी और महिलाओं उद्यमियों के लिए लोन का उपयोग केवल व्यापार सेवाओं और मैन्युफैक्चरिंग में नए व्यवसाय नए व्यवसाय स्थापित करने के लिए किया जाता है

लोन अवधि अधिकतम 7 साल है और अधिकतम मोरटोरियम पीरियड 18 महीने है

मोरटोरियम पीरियड्स के दौरान 2 करोड़ तक के कर्ज धारकों को ब्याज पर ब्याज नहीं चुकाना होगा इसका फायदा क्रेडिट कार्ड पर्सनल लोन एजुकेशन लोन होम लोन जैसे लोन लेने वालों को मिलेगा।

स्टैंड अप इंडिया में सब्सिडी क्या है?

स्टैंड अप इंडिया योजना में सब्सिडी की राशि या प्रतिशत भारत सरकार द्वारा प्रत्येक मिनी क्लस्टर के लिए सलाहकार शुल्क का अधिकतम 80% तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगीl

शेष 20% लाभार्थी MSME भाइयों के द्वारा इकाइयों के द्वारा वहां किया जाना है l

स्टैंड अप इंडिया योजना के लिए कौन पात्र है ?

स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत एससी एसटी और महिला उद्यमी जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो योजना के तहत रोड केवल 3 ग्रीन फील्ड परियोजना के लिए उपलब्ध हैl

ऐसी पात्रता जिनके पास है वह स्टैंड अप इंडिया योजना का लाभ उठा सकते हैं।

स्टैंड अप इंडिया योजना का क्या लाभ है ?

इस योजना के अंतर्गत रोजगार उद्योग के लिए फंडिंग सहायता मार्गदर्शन और उद्योग भागीदारी के अवसर प्रदान करके भारत में स्टार्ट को बढ़ावा देना है

स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू करने का मतलब इसके माध्यम से बेरोजगार के बीच रोजगार पैदा करना भी है

स्टैंड अप इंडिया योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करने का तरीका।

सबसे पहले स्टैंड अप योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://www.standupmitra.in/login/Register पर जाएं।

उसके बाद व्यावसायिक कॉलम में प्रवेश करके रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरे जिसमें व्यवस्था का पता राज्य जिला गांव शहर और पिन कोड शामिल हो

फिर आपको यह चुनना होगा कि क्या प्रमोटर महिला वर्ग या एससी या एसटी वर्ग से संबंधित है और व्यापार में 51% या उससे अधिक हिस्सेदारी है।

आवेदक की योजना ,व्यवसाय की प्रकृति लोन राशि व्यवसाय गतिविधि की प्रकृति और जानकारी ,व्यवसाय के लिए स्थान की स्थिति वा पहली बार उद्यामियों की ड्रॉप डाउन को चुनें

उसके बाद व्यावसायिक गतिविधि व्यवसाय के अनुभव और प्रकृति के वर्षों का उल्लेख करके अपने पिछले व्यवसाय के अनुभव की जानकारी देनी होगी

इच्छा अनुसार हेडिंग होल्डिंग सपोर्ट पर टिक करें

रजिस्ट्रेशन का अंतिम स्टेप आवेदक की व्यक्तिगत जानकारी के बारे में है जो नाम उद्यम का नाम यूजरनेम मोबाइल नंबर ईमेल आदि डालना होगा।

रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करके आवेदक संबंधित लोन संस्थान में स्टैंड अप इंडिया योजना के लिए आवेदन कर सकेगा

और उसके अधिकारी आगे की औपचारिकताओं के लिए संपर्क करेंगे।

स्टैंड अप इंडिया योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या है ?

मतदाता पहनिवास प्रमाण पत्र: मतदाता पहचान पत्र ,पासपोर्ट ,नवीनतम बिजली और टेलीफोन बिल प्रॉपर्टी टैक्स के रसीद आदि

  • व्यवसाय का प्रमाण पता
  • प्रमाण कंपनी के मेमोरेंडम आफ एसोसिएशन
  • पार्टनरशिप डीड
  • पट्टे की फोटोकॉपी
  • पिछले 3 साल की बैलेंस शीट
  • प्रमोटर और गारंटी के एसेट्स और लायबिलिटी स्टेटमेंट।

स्टैंड अप इंडिया योजना का उद्देश्य क्या है?

स्टैंड अप इंडिया योजना 1 लाख से 1 करोड़ तक के बैंक रेट के साथ कम से कम 1 अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति उधारकर्ता की सहायता करना चाहती है

यह एक नए व्यवसाय के विकास के लिए प्रति बैंक शाखा में कम से कम एक महिला उधार करता की गारंटी भी देता है

यह व्यवसाय विनिर्माण सेवाओं या व्यापार में हो सकता है

गैर व्यक्तिगत फार्मो की स्थिति में कम से कम 51% स्वामित्व और नियंत्रण हित किसी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति या महिला महिला उद्यमी के पास होना चाहिए

स्टैंड अप इंडिया ने हमेशा हमेशा आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए काम किया है और रोजगार के अवसर बनाने में मदद भी की है ये योजना देशभर में स्थित 1.25 लाख बैंक शाखाओं के माध्यम से न्यूनतम 2.5 लाख उधार कर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए काम करती है.

यह योजना एससी एसटी वर्ग के उद्यमियों और महिला उद्यमियों को क्रेडिट गारंटी हैंडहोल्ड सपोर्ट और फाइनेंस पर जानकारी प्रदान करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करती है

इस योजना के तहत दी जाने वाली अतिरिक्त सेवाएं उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण परामर्श मार्गदर्शन और कौशल विकास कार्यक्रम है .

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