लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा अब लगातार चढ़ता जा रहा है।

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा अब लगातार चढ़ता जा रहा है।

लखनऊ: 8/1/2024

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा अब लगातार चढ़ता जा रहा है। सभी राजनीतिक दल लगातार अपनी-अपनी रणनीति को बैठक कर रहे है। लेकिन सबसे अधिक सीट वालें औऱ सबसे महुत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में अभी तक विपक्षी का चेहरा स्पष्ट नही हो पाया है। एक तरफ जहां बीजेपी चुनाव की तैयारियों को लेकर माइक्रो मैनेजमेंट में लगी हुई है। वही दुसरी तरफ यूपी में विपक्षी गठबंधन का चेहरा अभी तक स्पष्ट नही हो सका है। बीएसपी अभी इंडिया गठबंधन में नहीं है, लेकिन गठबंधन के कुछ सहयोगी दल मायावती को साथ लेना चाहते हैं. यूपी कांग्रेस के कई नेता भी ऐसा ही चाहते हैं. पार्टी की दिल्ली से लेकर लखनऊ तक की बैठकों में ये मांग हो चुकी हैं. दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की आखिरी मीटिंग में भी ये मुद्दा उठा था. तब समाजवादी पार्टी की तरफ से कहा गया था कि कांग्रेस इस पर अपना स्टैंड साफ करे. ये बात समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने उठाई थी. वही चुनाव नजदीक आते-आते मायावती ने समाजवादी पार्टी पर अपना हमला ओऱ तेज कर दिया है। मायावती ने एक्स पर ट्वीट के माध्यम से सपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि सपा अति पिछड़ो के साथ दलित विरोधी पार्टी है, सपा शासनकाल मेँ बसपा स्टेट कार्यालय के पास ऊँचा पुल बनाया ताकि अराजक तत्व नुकसान पहुंचा सकें। यही नही मायवती ने गेस्ट हाउस कांड की भी याद दिलाया और कहा कि सपा के 2 जून 1995 (गेस्ट हाउस कांड) सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं. जिनमें बीएसपी यूपी स्टेटआफिस के पास ऊँचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहाँ से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुँचा सकते हैं। इससे साफ की जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे है। सपा औऱ बसपा के बीच बढ़ती गहमागहमी के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने मकरसक्रांती के अवसर पर अयोध्या जाकर सरयू स्नान की घोषणा कर दिया है। हालाकि अभी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सोनिया गांधी के 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर अभी भी संशय बना हुआ है।

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